kalmegh in hindi

Kalmegh in hindi:कालमेघ क्या है?इसके फायदे,उपयोग और नुकसान

  • जब बात जड़ी-बूटियों की होती है, भारत को उस हिसाब से एक अमीर देश माना जाता है। कयी वर्षों से यहाँ आयुर्वेदिक तौर-तरीक़ों से अलग-अलग बीमारियों का उपचार किया जा रहा है। इन उपचार पद्यतियों की ये एक ख़ास बात है कि, कुछ औषधि गुणों की एक बहुत अच्छी भूमिका होती है। ऐसा ही एक पौधा होता है, कालमेघ। इसमें कयी गुण होते हैं, जो कि शारीरिक समस्याओं को सुलझाने में सहायता करता है।
  • इस लेख में हम आपको कालमेघ के फ़ायदे, उपयोग और नुक़सानों की बात करेंगे। इस लेख में ध्यान से पढ़िए इस गुणकारी पौधे की ख़ासियत को।

कालमेघ क्या होता है? : What is Kalmegh?

कालमेघ (kalmegh in hindi) एक ऐसा पौधा है जो कि या तो घर के आस-पास या अत्यंत जंगली क्षेत्रों में पाया जाता है। इसका वनस्पतिक नाम ‘ऐंडरोग्राफिस पनिकूलता’ है। दिखने में या फिर बनावट में, यह काफ़ी हद तक मिर्ची के पौधे जैसा होता है। इसके सेहत के लाभों को देखकर अब इसे काफ़ी नर्सरीज़ में रखा जाने लगा है। पत्तियों का ज़ायक़ा कड़वा होता है। इसके अन्य नाम जैसे कि ‘कालनाथ’ और ‘महातकती’ भी मशहूर हैं।What is Kalmegh? Its benefits, uses and side effects

कालमेघ के फ़ायदे: Kalmegh Benefits in Hindi -Kalmegh in hindi

मधुमेह में:

कालमेघहृदय  के औषधीय इस्तेमाल को देखकर इसकी बहुत अच्छी एवं कुशल खेती की जाती है दक्षिण-पूर्व आशियायी देशों में।इसका बहुत बड़ा इस्तेमाल मधुमेह की दिक्कतों से लड़ने के लिए किया जाता है। कालमेघ में ऐंटाई-डाइअबेटिक गुण प्राकृतिक तरीक़े से होते ही हैं। वही मरीज़ों को बचाव प्रदान कर सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध यह भी कहती है की कालमेघ को खाना या पकाना या कैसे भी सेवन करना टाइप-१ डाइअबीटीज़ के विरुद्ध अच्छी तरह से काम कर सकता है।

हृदय के रोगों और स्वास्थ्य में:

हृदय का स्वास्थ्य नियंत्रण करने के लिए, कालमेघ का नियमित सेवन किया जा सकता है। यह इसलिए मुमकिन हो पता है, क्योंकि कालमेघ में ऐंटाई-थरोमबोटिक क्रिया यानी की ख़ून के थक्कों को रोकने की क्रिया मिलती है। एक वैज्ञानिक शोध यह बताता है की ये क्रिया बहुत सारे प्रकार के दिल के रोगों से आपको बचता है।

कैन्सर या कर्क-रोग में

कैन्सर से होने वाले जोखिम से बचने के लिए भी कालमेघ का उपयोग किया जाता है। यह इसलिए हो पता है क्योंकि ऐसी कयी चीज़ें जो की कैंसर से लड़ती हैं, वो पायी जाती है। इनमें आंटी-कैन्सर गुण होते हैं। इसमें एनडरोग्राफोलिड नामक तत्व भी पाया जाता है, जो कि ब्लड कैन्सर या ल्यूकेमिया, स्तन कैन्सर, फेफड़ों के कैन्सर से बचाता है। इसमें मेलेनोमा कोशिकाएँ भी होती हैं, जो कि कयी और तरीक़े के कैन्सर के ख़िलाफ़ कार्यागर होते हैं।

अनिद्रा में:

जब अनिद्रा के ख़िलाफ़ काम करने की बात होती है, तो सबसे बड़ी वजहों में से एक ‘स्ट्रेस’ मानी जाती है। कालमेघ ऐंटाई-स्ट्रेस एजेंट से उपयुक्त रहता है। यह स्ट्रेस को दूर तो करता ही है, पर साथ में अनिद्रा से भी मरीज़ को आराम दिलाता है।

प्रतिरक्षा या इम्यूनिटी बढ़ाने में:

हमारे शरीर का सही कार्य करना इस प्रक्रिया पर निर्भर करता है की हम हर छोटी बीमारी से हार ना जाएँ। कालमेघ का सेवन हमारे शरीर में इम्यूनिटी या प्रतिरक्षा बढ़ाने में मदद करती है। कालमेघ में प्राकृतिक रूप से ही इम्मुनोमोडूलटोरि गुण होते हैं, जो कि यह सारे क्षमताओं को और सक्रिय कर देते हैं।

ज़ख्म या कॉमन-कोल्ड से बचाव:

ज़ख्म या कॉमन-कोल्ड की दिक्कत दूर करने के लिए कालमेघ का सेवन करना लाभदायक हो सकता है। कॉमन-कोल्ड एक प्रकार के वाइरस का झुंड, जिसे ‘राइनो-वाइरस’ कहते हैं, उससे होता है, पर कालमेघ किस प्रकार के ज़ख्म को दूर करता है, इसका अब भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है।

वाइरस के संक्रमण में:

कालमेघ में आंटी-वाइरस गुण होते हैं, जो कि किसी वाइरस के संक्रमण या वाइरल बुखार  में लेने से आराम पहुँचा सकता है। किसी चिकित्सक के परामर्श पर, इसके अर्क को लिया जा सकता है।

लिवर के स्वास्थ्य में:

लिवर के स्वास्थ्य को बिलकुल ठीक तरीक़े से चलते रहने के लिए भी कालमेघ एक बड़ा हाथ अदा कर सकता है। इसका सेवन करने का तरीक़ा है की पत्तियों का अर्क बनाएँ और उसे पिएँ। उन पत्तियों में हेपप्रोटेक्टिव गुण मिलते हैं। यह सिर्फ़ लिवर हाई नहीं, बल्कि ‘रीनल डैमिज’(किड्नी डैमिज) से भी बचाव करता है

घाव भरने में:

कालमेघ के अन्य चिकित्सीय लाभों में से एक लाभ यह भी है कि वो घाव भरने के काम आता है। उसका अर्क बना के पीने से घाव जल्दी भरते हैं। पर वो किस तरीक़े से घाव ठीक करता है, इसका हमारे पास विघ्यनिक प्रमाण और अध्ययन नहीं है। बस उसी का इंतेज़ार है। 

खाना ठीक से पचाने में:

कालमेघ में अपच की समस्या को दूर करने के भी गुण पाए जाते हैं। यदि आप आपका खाना नहीं हज़म हो रहा और आप इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो यह जड़-बूटी उसका रामबान इलाज है। वैसे वैज्ञानिकों ने इस बात का भी प्रमाण नहीं दिया है कि यह किस तरीक़े की अपच से बचाव करता है, पर करता तो है

कालमेघ के उपयोग: Kalmegh uses in hindi-Kalmegh in hindi

चलिए, अब हम ये जानने की कोशिश करते हैं की इस पौधे का किस प्रकार से उपयोग किया जा सकता है:

  • इसका  नीचे बताए तारीख़ों से उपयोग या सेवन किया जा सकता है:
  • कमधेनु के चूर्ण को पानी में मिलाकर पिया जा सकता है।
  • इसकी पत्तियों के अर्क को बनाकर उसको पिया जा सकता है।
  • घाव पर इसकी पत्तियों के पेस्ट को लगाया जा सकता है।
  • या फिर, आप अपने मिक्सर-ब्लेंडर में पत्तियों को घोलकर भी उनका सेवन कर सकते हैं।
  • खाने का समय: आप कालमेघ को किसी तरह भी, दिन में कभी भी उपयोग कर सकते हैं। उसमें कोई रोक नहीं है।
  • उचित मात्रा: एक दिन में कालमेघ चूर्ण का एक चम्मच का सेवन आराम से किया जा सकता है।

इसके साथ, आप दिन में आठ से दस पत्तियों का जूस, निकलकर भी पी सकते हैं। पर फिर भी, लालमेघ की सही और सटीक मात्रा को जानने के लिए, आपको डाइयटइचीयन या आहार-चिकित्सक से एक बार बात करनी चाहिए।

कालमेघ के दुष्प्रभाव या नुक़सान: Kalmegh Side Effect in Hindi -Kalmegh in hindi

आहार-चिकित्सक से बात करना या सलाह लेना इसलिए भी ज़रूरी है, क्योंकि लालमेघ के सेवन से कुछ स्थितियों में दुष्प्रभाव या नुक़सान भी पड़ सकते हैं। आइए गेखते हैं उन्हें:

  • इसको ज़रूरत से ज़्यादा मात्रा में इस्तेमाल में लाना, ऐलर्जी उत्पन्न कर सकता है।
  • इसके अर्क को बहोत ज़्यादा पीने से थकान महसूस होती है।
  • इसके ज़रूरत से ज़्यादा मात्रा में खाने से सरदर्द, मतली और दस्त करवा सकती है।
  • कालमेघ को अधिक मात्रा में लेने से, भूख में कमी भी ला सकता है।
  • इसको बरभावस्था में नहीं लेना चाहिए। ऐसी सलाह दीजाती है।

जहाँ अभी तक आप कालमेघ को एक जंगली पौधा समझ कर नकार रहे थे, अब आप समझ हो गए होंगे की उसकी कितने चिकित्सीय फ़ायदे हैं। आप उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।पर खाने से पहले एक बार आहार विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें।

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