इस समय डेंगू का प्रकोप काफी हद तक बढ़ा हुआ है, बारिश के बाद मौसम परिवर्तन के कारन बहुत सी बीमारियां फैलती हैं उन्ही में से एक है डेंगू बुखार
खतरनाक ड़ेंगू के निम्न लक्षणों पर ध्यान दे-:
- बाथरूम जाते समय आँखों के आगे अंधेरा होने,
2.बार बार उल्टी होना,
3.पेट दर्द
4.अत्यधिक कमजोरी महसूस होना,
5.खड़े होने चलने में दिक्कत होना इत्यादि,
6.यूरिन कम होना
इन संकेतों को नद्रन्दाज न करे, तुरंत चिकित्सक से सलाह ले
डेंगू रोग से पीड़ित मरीज के प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं
◾प्लेटलेट्स क्या है ?
यह रक्त का एक भाग है जो खून का थक्का बनाने में सहायक हैं। कोई चोट लगने पर होने वाले रक्तस्त्राव को ये रोकती हैं। शरीर में इनकी पर्याप्त संख्या होनी चाहिए। शरीर में इनकी संख्या बहुत कम होने पर मौत भी हो सकती है।
◾ कितनी प्लेटलेट्स होनी चाहिए ?
स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से चार लाख प्लेटलेट्स होती हैं। किसी कारण से यदि ये 50 हजार से कम हो जाएं तो चिंता की बात नहीं। लेकिन इससे भी कम होने पर रक्तस्त्राव होता है। यदि 10-20 हजार की संख्या रहे तो यह स्थिति इमरजेंसी की है।
◾ किन रोगों में इनकी संख्या कम हो जाती हैं ?
डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टायफस, टायफॉइड जैसे रोगों में और दर्दनिवारक दवाएं नियमित लेने से भी ये घटने लगती हैं।
◾ इस स्थिति में क्या करना चाहिए ?
अस्पताल में भर्ती कर रोगी से मिलते ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति के रक्त से जरूरत अनुसार प्लेटलेट्स निकालकर उसे चढ़ाते हैं।
◾ प्लेटलेट्स कम होने का मतलब ?
प्लेटलेट्स छोटी रक्त कोशिकाएं होती हैं, जो खासतौर पर बोनमैरो में पाई जाती हैं। प्लेटलेट्स की कमी इस बात की निशानी है कि खून में बीमारियों से लड़ने की ताकत कम हो रही है। प्लेटलेट्स कम होने की इस स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति में सामान्य प्लेटलेट काउंट 150 हजार से 450 हजार प्रति माइक्रोलीटर होता है। जब यह काउंट 150 हजार प्रति माइक्रोलीटर से नीचे चला जाये तो इसे लो प्लेटलेट माना जाता है।
कुछ दवाओं के सेवन, आनुवंशिक रोगों, कुछ प्रकार के कैंसर, कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट व बुखार जैसे डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के होने पर भी ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है।
◾ एंटीऑक्सीडेंट वाला चुकंदर
प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए सबसे पहले चुकंदर को तरह-तरह से अपने खाने में शामिल कीजिए। फिर चाहे उसकी सब्जी बनाइए या जूस पीजिए।
◾ नियमित खाएं आंवला◾
आंवले को प्लेटलेट्स बढ़ाने के बेहद पुराने उपचारों में गिना जाता है। डॉ. भारती के अनुसार, ‘यह आयुर्वेदिक उपचार है। आंवले में मौजूद विटामिन-सी शरीर में प्लेटलेट्स का उत्पादन तो बढ़ाता ही है, इससे शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता भी बढ़ती है। पर हां, इसका नियमित सेवन करना बेहद जरूरी है। नियमित रूप से हर सुबह खाली पेट 3 से 4 आंवला खाएं। आंवला इस तरह से नहीं खा पा रही हैं तो दो चम्मच आंवले के जूस में शहद मिलाकर पिएं। इससे भी प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद मिलेगी।’
◾ इन्हें भी अपनाएं◾
🔹प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों को पका कर खाने की जगह कच्चा ही खाएं।
🔹कीवी भी प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करती है।
🔹गाजर का नियमित सेवन करें।
🔹इलेक्ट्रोलाइट्स और मिनरल्स प्लेटलेट्स बढ़ाने में बेहद मददगार होते हैं।
🔹नारियल पानी में यह दोनों ही तत्व प्रचुर मात्रा में होता है।
🔹बकरी का दूध भी प्लेटलेट्स बढ़ाता है।
इसके अलावा डॉक्टर के परामर्श से दवाई सबसे पहले ले बाजार में प्लेट्स बढ़ाने में सहायक दवाईयां उपलब्ध हैं।
◾ पपीते के पत्तों का फायदा◾
🔹पपीते के पत्ते का जूस पीने के फायदे🔹
- डेंगू में बहुत ज़्यादा फायदेमंद :- डेंगू से लड़ने में पपीते की पत्तिया बहुत ही ज़्यादा फायदेमंद मानी जाती हैं। यह ब्लड में तेज़ी के साथ गिर रहे प्लेट्स को फिर से बढ़ाने, खून के थक्के जमने को रोकते हैं। लिवर को डैमेज होने से बचाते हैं, क्योंकि डेंगू वाइरस की वजह से इन सभी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। इसलिए पपीते के पत्तो का रस डेंगू के इलाज के लिए कारगर माना जाता हैं।
- भूख बढ़ाता हैं :- अगर आपको भूख ना लगने की परेशानी हो गयी हो तो पपीते के पत्ते की चाय बना कर पिए, इससे आपकी खोई हुई भूख दुबारा से वापिस लौट आती हैं।
- शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाए :- इन चमत्कारी पत्तियो में शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं। इन पत्तियो में सर्दी-जुकाम से लड़ने की क्षमता होती हैं। यह ब्लड में वाइट सेल्स और प्लेट्स को बढ़ाने करने में सहायता करते हैं।