Pancreatic Cancer in Hindi

Pancreatic Cancer in Hindi : अग्नाशय कैंसर क्या है? इस बीमारी की होने की वजह, लक्षण और बचाव के उपाय

अग्नाशय कैंसर की जानकारी:

  • हमारे शरीर का सबसे ज़रूरी हिस्सा होता है ग्रंथि, जिसे हम गलांड के नाम से भी जानते हैं।
  • इंसान के शरीर का सबसे ज़रूरी भाग होता है। इसे पाचक ग्रंथी या गलेंड भी कहा जता हैं। हम अगर कुछ भी खाएँ, तो उसे पचाने का अहम काम करते है अग्नाशय या पंक्रीयास। यह छह इंच की लम्बाई रखने वाला, एक अंग होता है, जो कि मछली के शेप का होता है। यह काफ़ी मुलायम होता है और इसका ऊपर वाला भाग, पेट की दायीं तरफ़ होता है।
  • यहाँ पर आपको यह बात समझ आही गयी होगी कि अग्नाशय, हमारे शरीर के पाचन प्रणाली का कितना अहम भाग होता है।
  •  इसी वजह से, जब भी कैन्सर पाया जाता है, अग्नाशय में,  तो वह बहुत ही सेरीयोस या गंभीर  रोग होता है। इसमें होता यह है, कि अब से अग्नाशय में, कैंसर युक्त कोशिकाओं का जन्म होता है।
  • इस प्रकार के कैंसर को विशिष्टकर, साठ साल से बड़े उम्र मेन ही पाया जाता है।
  • जब हमारी उम्र बढने लगती है, तो उसके साथ-साथ हमारे DNA मेन परिवर्तन आने  लगते हैं। इसी वजह से बढ़ती उम्र के साथ, कैंसर का दर और ख़तरा भी होने की सम्भावना बढ़ती है। इस बात को हम आपको पहले ही बता चुके हैं, की कैन्सर का प्रकार, वयस्कों या वो लोग जो साठ]साल के ऊपर के हों, उनमें देखे जाने की सम्भावना बढ़ती हैं। इस बीमारी की औसतन आयु भी बहत्तर (७२) होती है।
  • यदि हम अग्नाशय कैंसर की तुलना करें, तो दोनो लिंगों में, यह बात सामने आती है, कि यह बीमारी, महिलाओं के मुक़ाबले, पुरुषों में ज़्यादा होती है।

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अग्नाशय कैंसर क्या होता है : What is Pancreatic Cancer

  • अग्नाशय कैंसर (Pancreatic Cancer), आपके अग्नाशय या पंक्रेयास के टिश्यु में शुरू होता है। हमेशा आपके अग्नाशय में कुछ ऐसे एंज़ाइम बनाए जाते हैं, जो कि आपकी पाचन प्रणाली को सही प्रकार से चलने देते हैं। इसके साथ-साथ इसमें ऐसे होरमोन भी बनते हैं, जो कि आपके शरीर मेन शुगर के  मेटबोलिजम को नियंत्रण मेन लाने में सहायता करता है।
  • यह एक ऐसा प्रकार है, जिसका अगर शुरुआती चरण मेन भी पता चल जाए तो इसे रोकना काफ़ी मुश्किल है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है क्योंकि यह बदी तेज़ी से शरीर में फैलता है। वैसे इसका शुरुआती चरण मेन पता लगना भी काफ़ी कठिन होता है। जब भी, हमें इसका पता चलता हाई, तब तक यह बड़ी तेज़ी से शरीर में फैल चुका होता है। जितनी भी मौतें कैंसर से होती हैं, उसमें सबसे ज़्यादा संख्या, अग्नाशय कैंसर से ही होती हैं।
  • यदि  इसका उपचार जितनी जल्दी हो सके, हमें करना चाहिए, नही तो यह काफ़ी जानलेवा होने का डर रहता है।
  • वैसे अगर अध्ययनों को देखा जाए, तो इसके बारे मेन पता चलने के बाद, पहले साल में, रोगी के जीने की सम्भावना होती है २० फ़ीसदी। यही रोगी अगर चार या पाँच साल जीले तो, उसके बाद उसके जीने की सम्भावना चार फ़ीसदी तक गिर जाती है। अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि यह कितनी ख़तरनाक बीमारी है।
  • पर अगर हम सारे मामलों को देखें, तो यह बीमारी, भारत में इतनी ज़्यादा नही फैलती है। मगर जैसे-जैसे वक़्त बढ़ रहा है, इसकी संख्या भी बढ़ रही है।

अग्नाशय कैंसर के कारण : Reason of Pancreatic Cancer in Hindi

  • ज़्यादा मात्रा में धुम्रपान|
  • आनुवांशिक या हेरेडिटरी वजहें|
  • रेड मीट और चर्बी युक्त खाना लेना|
  • पंक्रेयास या अग्नाशय में जलन|
  • अधिक मोटापा|
  • कीटनाशक या इसेक्टिसाइड दवाइयों के कारख़ानों में काम करने वाले लोगों को, यह बीमारी होने की सम्भावना हमेशा अधिक रहती है|

अग्नाशय या पैंक्रिएटिक कैंसर के प्रकार:

अग्नाशय कैंसर, आम तौर पर दो तरह के होते हैं। यहाँ वो दोनो प्रकार दिए गए हैं:Pancreatic Cancer in Hindi

एक्सोक्राइन ट्यूमर

एक्सोक्राइन ग्रंथि पर, असर डालने वाले ट्यूमर्स को, ‘एडेनोकार्सिनोमा’ कहा जाता है। इस प्रकार का कैंसर, अग्नाशय ट्यूब्स में होता है। इस प्रकार के ट्यूमर का उपचार, इसके बढ़े होने की दर के हिसाब से हो सकता है।

एंडोकराइन ट्यूमर

ये ट्यूमर,  बहुत ही कम मिलते हैं। मगर यह ट्यूमर, हॉर्मोन के उत्पाद पर असर ज़रूर डालते हैं। इस ट्यूमर की वजह से, हॉर्मोन प्रोडक्टीयों पर काम करने वाले सेल्स पर असर पड़ता है। इस प्रकार के ट्यूमर को ‘आइलेट सेल ट्यूमर’ भी कहा जाता है।

अग्नाशय कैंसर के लक्षण : Symptoms of Pancreatic Cancer in Hindi

  • पेट के ऊपरी हिस्से मेन पीड़ा होना|
  • पेशाब, आँख और त्वचा का रंग पीला होना|
  • कमजोरी का अनुभव होना|
  • भार घटना।
  • भूख कम लगना या बिलकुल ना लगना|
  • जी मचलना
  • मत्तलि या उल्टी होना
  • दस्त लगना
  • ज्यादा प्यास लगना|
  • सुजन और टांगो में दर्द होना
  • लाल चकत्ते या रेशस
  • ज़्यादा पसीना आना
  • दिल का तेज़ी से धड़कने लगना।

अग्नाशय कैंसर की जांच या निरीक्षण : Checking of Pancreatic Cancer in Hindi

  • परिवार की मेडिकल इतिहास का पता लगाना|
  • फिसिकल टेस्ट जैसे, पेट में गाँठ का अनुभव करना, सुजन आदि|
  • CT Scan
  • MRI
  • अल्ट्रासाउंड
  • PET Scan
  • बायोप्सी

अग्नाशय कैंसर का इलाज  : Treatment of Pancreatic Cancer in Hindi

  • जो डॉक्टर होते हैं, वो इसके इलाज के लिए  रेडियोथैरेपी या किमोथैरेपी करते है। और जब पड़ती है, तो वो ऑपरेशन का भी सहारा लेते हैं।
  • इसके लिए आप नियमित तरीक़े से अपना सेहत का परिक्षण करवाते रहिए|

अग्नाशय कैंसर की कठिनाइयाँ : Complications

  • यदि अग्नाशय कैंसर, आपके लिवेर की पित्त की नली (डक्ट), को रोकता या अवरोधक बनता है, तो डायर्रिया  हो सकता है|
  • बढ़ता ट्यूमर पेट की नसों पर दबाव डालता है. जिससे दर्द तेज हो सकता है|
  • अग्नाशय कैंसर अधिकतर मामलों में छोटी आंत में होता है। जब भी  उस पर प्रेशर   बढ़ता है, तो पूरे भोजन का बहना रुक जाता है।  इससे पूरे पाचन प्रणाली पर सीधा असर दिखता है|
  • जिन लोगों को अग्नाशय का कैंसर होता है उनका वजन भी तेजी से घटता है.

अग्नाशय कैंसर से बचाव के उपाय  : Prevention Of Pancreatic Cancer in Hindi

  • धुम्रपान से दूर रहें|
  • भार को बढ़ने नही दे|
  • पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करें|
  • फल और फ्रूट का सेवन करें|
  • अच्छा और स्वस्थ या सेहतमंद जीवनशैली अपनाएं|
  • योग और व्यायाम करना ना भूलें|
  • कुछ चीज़ें या पौधे जैसे की लहसून, सोयाबीन, एलोवेरा, ग्रीन ट, अंगूर इत्यादि का रोज़ाना इस्तेमाल करें|
  • समय-समय पर जांच करवाएं|
  • किसी भी लक्षण को, इग्नोर या नजर अंदाज ना करें|

कैंसर के बारे में कुछ और महत्वपूर्ण जानकारिया

मेरा नाम रूचि कुमार है ‌‌‌मुझे लिखना बहुत ज्यादा अच्छा लगता है । मैं 10+ साल से लिखने की फिल्ड मे हूं ।‌‌‌आप मुझसे निम्न ई-मेल पर संपर्क कर सकते हैं। vedupchar01@gmail.com
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