Zika Virus in Hindi

Zika Virus in Hindi : ज़ीका वाइरस क्या है ? इसकी सम्पूर्ण जानकारी

ज़ीका वायरस क्या है ?

जीका (ZEE-kuh) वायरस अक्सर मच्छरों के काटने से लोगों में फैलता है, मुख्यतः दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में यह पाया जाता है । जीका वायरस से संक्रमित अधिकांश लोगों में कोई लक्षण नहीं होते हैं। कुछ लोगों को हल्का बुखार, रैशेज और मांसपेशियों में दर्द होता है। दुर्लभ मामलों में, जीका वायरस मस्तिष्क या तंत्रिका तंत्र की जटिलताओं का कारण बन सकता है, जैसे कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम।  जीका वायरस से होने वाले संक्रमण को जीका, जीका बुखार या जीका वायरस रोग भी कहा जाता है। -Zika Virus in Hindi

जीका वायरस से संक्रमित महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। अगर गर्भावस्था के दौरान आपको जीका वायरस के संक्रमण हो जाते है तो शिशुओं में गंभीर जन्म दोषों का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें माइक्रोसेफली नामक संभावित घातक मस्तिष्क की स्थिति भी शामिल होती है। –What is Zika Virus in hindi 

शोधकर्ता जीका वायरस के टीके पर काम कर रहे हैं। अभी के लिए, संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा तरीका मच्छरों के काटने से बचना और मच्छरों के होने के कारणों को कम करना है 

ज़ीका वायरस जैसे की (zika virus in hindi) नाम से ही खतरनाक लगता है। ज़ीका वायरस का जो जन्म है वह फ्लाविविरिडे नामक विषाणु परिवार से हुआ है। वर्तमान समय में हम देखे तो बहुत सारे वायरस पाए जाते है। इंसानो में यह एक सामान्य बीमारी के रूप में ही पाए जाते है जैसे की बुखार होना , सर्दी होना ,पेटदर्द होना आदि प्रकार के लक्षण इसमें दिखाई देते है। जीका वायरस जो है वह आज के समय में बहुत ज्यादा प्रचलित हो रहा है।

 ज़ीका वायरस जो होती है वह एक ऐसी खतरनाक बीमारी होती है जो मच्छरों के काटने की वजह से फैलती है। जीका वायरस के जो मच्छर होते है वह ज्यादातर दिन के समय में ही एक्टिव रहते है। ज़ीका वायरस का जो इन्फेक्शन है वह ज्यादातर प्रेग्नेसी के समय में होता है जिसकी वजह से इसका बच्चे के ऊपर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता  है। यह बच्चे के जनम के बाद भी उसको हो सकता है। इस तरह की बीमारी को मिक्रोसेफली की अवस्था भी कहा जाता है। इन अवस्था में जो है वह नवजात बच्चो का सही ढंग से विकास नहीं हो पाता है

 जिससे बच्चे के जो है मस्तिष्क का सही तरीके से विकास नहीं हो पाता है। जिससे बच्चे जो है वह अंधेपन के ,बहरापन के या ब्रेन डैमेज के होने की संभावना हो जाती है। जीका विषाणु (zika Virus) वाले जो मच्छर होते है यदि मनुष्य को काटते है, तो उस मनुष्य को गुइलियन ब्रेन सिंड्रोम (guillain brain syndrome) होने की संभावना हो सकती है। जिससे पैरालिसिस होने का खतरा लगा रहता है।

ज़ीका वायरस के लक्षण : Zika Virus Symptoms in Hindi

ज़ीका वाइरस के जो संक्रमण होते है वो धीरे धीरे करके हमारे पुरे शरीर में फेल जाते है । इनको फैलने में बहुत ज्यादा समय नहीं लगता है। इसके लक्षण जो है वह डेंगू और चिकनगुनिया जैसे ही होते है। यह बहुत ही ज्यादा खतरनाक वायरस होता है। ज़ीका वायरस वाले जो मच्छर होते है उनके काटने से होने वाले लक्षण निम्न लिखित है।

  • बुखार आ जाना ।
  • जोड़ों का दर्द, विशेष रूप से हाथों या पैरों में दर्द हो जाना ।
  • चेहरे पर लाल चकते पड़ जाना ।
  • आँखों का लाल हो जाना ।
  • सिरदर्द हो जाना ।
  • मचलाहट हो जाना ।
  • उलटी हो जाना ।
  • ठण्ड से कप कपाहट होना ।
  • यह संक्रमण जो है वह एक मच्छर के काटने की वजह से होता है।
  • इसके जो लक्षण है वह २-७ दिनों तक बने रहते है।
  • जो महिलाए गर्भवती होती है इसका उनके ऊपर बहुत जल्दी असर होता है।
  • बच्चे का जो भ्रूण है उस पर भी इसका असर होता है।
  • मांसपेशियों में दर्द
  • थकान या बेचैनी की सामान्य भावना
  • पेट में दर्द

उपरोक्त बताए गए लक्षणों में से यदि आप किसी भी प्रकार के लक्षण को महसूस करते है, तो आपको तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । क्योकि यदि आप इसे नजअंदाज कर देते है  तो यह आप के लिए खतरनाक या जानलेवा भी साबित हो सकता है।

ज़ीका वायरस के कारण : Cause of Zika Virus in hindi

जीका वायरस कैसे फैलता है

  • जीका वायरस अक्सर संक्रमित मच्छर के काटने से किसी व्यक्ति में फैलता है। जिन मच्छरों को वायरस ले जाने के लिए जाना जाता है, उनमें दो एडीज प्रजाति के मच्छर शामिल हैं, जो दुनिया भर में पाए जा सकते हैं।
  • जब कोई मच्छर पहले से जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो वायरस मच्छर को संक्रमित कर देता है। फिर, जब संक्रमित मच्छर दूसरे व्यक्ति को काटता है, तो वायरस उस व्यक्ति के रक्तप्रवाह में प्रवेश करता है और संक्रमण का कारण बनता है।
  • गर्भावस्था के दौरान जो है वह जीका वायरस मां से भ्रूण में भी फैल सकता है।
  • यौन संपर्क के माध्यम से भी वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। 

ज़ीका वायरस की जांच

ज़ीका वायरस जो बीमारी होती है वह डेंगू और चिकन गुनिया की बीमारी की जैसे ही होती है तथा इनका पता भी ब्लड टेस्ट के द्वारा ही लगाया जाता है। ब्लड टेस्ट के द्वारा ही इसके दवरा उत्पन्न होने वाले लक्षणों का पता लगाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति जो है वह प्रभवित जगह से आता है या ऐसे उसमे ऐसे लक्षण दिखाई देते है,तो ऐसे लोगो को तुरंत डॉक्टर से जाँच करवाना चाहिए –Diagnosis of Zika Virus in Hindi

आपका डॉक्टर आपके मेडिकल और ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में आपसे जानकारी लेगा । अगर आप किसी भी यात्रा पर गए है तो उसका विस्तार से वर्णन करना सुनिश्चित करें, यात्रा की तारीखें बताए , और क्या आप मच्छरों से संपर्क में आए है तो वह भी बताए। 

यदि आपके डॉक्टर को संदेह है कि आपको जीका वायरस का संक्रमण हो सकता है, तो वह निदान की पुष्टि करने के लिए रक्त या मूत्र परीक्षण की सिफारिश कर सकता है। रक्त या मूत्र के नमूनों का उपयोग अन्य मच्छर जनित बीमारियों के परीक्षण के लिए भी किया जा सकता है।

यदि आप गर्भवती हैं और जीका वायरस के संक्रमण के लक्षण नहीं हैं, लेकिन आपने या आपके साथी ने हाल ही में सक्रिय जीका वायरस संचरण वाले क्षेत्र की यात्रा की है, तो अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या आपको परीक्षण करने की आवश्यकता है।

ज़ीका वाइरस से बचाव के लिए उपाय : Zika Virus Precaution in Hindi

ब्राजील में जो यह वाइरस है वह कुछ महीने पहले ही आया है। अभी तक भारत में जो है वह ज़ीका वायरस के लक्षण ज्यादा देखे नहीं गए है। विश्व स्वास्थ संघटन के द्वारा कुछ रिसर्च की गई है उसके बाद इनसे बचाव के लिए निम्नलिखित निर्देश दिए गए है।

  • अमेरिकी जो देश है उनमे ज़ीका वाइरस के जो लक्षण है उनको अधिक देखा गया है। विश्व स्वास्थ संघटन के अनुसार इससे बचने के लिए मच्छरों की रोकथाम करना बहुत ही आवश्यक होता है।
  • इन वाइरस वाले मच्छरों से बचने के लिए आपको अपने पुरे शरीर को कपड़ो से ढकना चाहिए। और आपको हलके रंग के कपडे पहनना चाहिए।
  • पानी को गमले या किसी अन्य जगह पर एकत्रित न होने दे इससे मच्छरों की जनसंख्या को कम करने में सहयता मिलेगी। 
  • जोड़ो में दर्द होना , गले में खराश होना , बुखार होना आदि समस्याए हो तो ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थो का सेवन और भरपूर आराम करना चाहिए।
  • जीका वाइरस का मार्किट में कोई भी टिका या दवाई जो है वह उपलब्ध नहीं है। डब्लूएचओ के अनुसार यदि आप को ऐसे कोई भी लक्षणों का अनुभव होता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करे।

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मेरा नाम रूचि कुमार है ‌‌‌मुझे लिखना बहुत ज्यादा अच्छा लगता है । मैं 10+ साल से लिखने की फिल्ड मे हूं ।‌‌‌आप मुझसे निम्न ई-मेल पर संपर्क कर सकते हैं। vedupchar01@gmail.com
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