What is chikungunya fever? Causes of chikungunya, symptoms of chikungunya, primary treatment of chikungunya fever, prevention of chikungunya fever

Chikungunya fever in hindi:चिकनगुनिया क्या है?कारण,लक्षण,इलाज,बचाव

चिकनगुनिया बुखार क्या है?(What is Chikungunya fever in hindi?)

चिकनगुनिया का बुखार(Chikungunya fever in hindi) कैसा बुखार होता है जिसमें जोड़ों में भारी दर्द का अनुभव होता है। या रोग लंबे समय तक भी चल सकता है। इस बुखार में जोड़ों का दर्द कई हफ्तों अथवा महीनों के लिए बना रह सकता है। इस बुखार का उग्र चरण जिसको इसका सबसे बुरा चरण माना जाता है यह सिर्फ 2 या 4 दिन तक ही रहता है। 

चिकनगुनिया के कारण(Causes of Chikungunya fever in hindi) :-

चिकनगुनिया का बुखार मादा मच्छर के काटने से होता है जिसे एडिस इजिप्टी कहते हैं, उसके काटने से फैलता है। यह मादा मच्छर साफ पानी में पैदा होतीं हैंऔर दीन के समय काटती हैं। इस मच्छर के ऊपर सफेद व काली रंग की पट्टी होती हैं जिस कारण से इन्हें टाइगर मच्छर अथवा चीता मच्छर कहते हैं इसमें सबसे तेज बुखार 104 डिग्री फारेनहाइट तक जाता है या बुखार 3 से 4 दिन में कई बार उतरता चढ़ता है। इस बुखार में जोड़ों में दर्द होता है और यह दर्द बुखार उतरने के बाद भी कई महीने तक रह सकता है।

चिकनगुनिया के लक्षण(symptoms of chikungunya) :-

साधारण इस रोग को पूरे शरीर में फैलने में 2 से 4 दिन का वक्त लगता है इसके कुछ अन्य लक्षण निम्न है 

  • 102 डिग्री फारेनहाइट अथवा 39 डिग्री सेंटीग्रेड तक बुखार होना, 
  • हाथ पैर में चकत्ते पड़ना, 
  • शरीर में जोड़ों में असहनीय पीड़ा होना, 
  • सिर में दर्द होना, 
  • रोशनी अथवा प्रकाश से भय लगना, 
  • आंखों में दर्द होना,
  • नींद ना आना, 
  • कमजोरी लगना इत्यादि।

चिकनगुनिया के बुखार का इलाज(primary treatment of chikungunya fever) :-

चिकनगुनिया के घरेलू इलाज निम्न हैं- 

  • तुलसी :- तुलसी हर घर में आसानी से उपल्ब्ध हो जाती है अतः तुलसी की 10 पत्तियों को ले तथा आधा लीटर पानी ले फिर तुलसी की पत्तियों को पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक पानी आधा ना हो जाए फिर उस पानी को छानकर थोड़ा-थोड़ा पिए। इसका सेवन कुछ दिन तक लगातार करें इसका सेवन करने से बुखार कम होगा तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। तुलसी की पत्तियों में एंटीमाइक्रोबियल्स नाम का एक तत्व होता है जो किसी भी बीमारी से उबरने में मदद करता है।
  • लहसुन :- लहसुन भी हर घर में आसानी सेउपलब्ध होता है 10 से 12 लहसुन की कलियों को लेकर उसे छीलकर उसके छोटे-छोटे टुकड़े करके पानी के साथ मिलाकर ग्राइंडर से पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को जोड़ों में दर्द वाली जगह पर लगाएं और कुछ देर के लिए लगाकर छोड़ दें इससे दिन भर में तकरीबन 2 बार लगाएं। इससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलेगी तथा सूजन को भी कम करता है और रक्त के प्रवाह को भी अच्छा करता है। 
  • शहद व नींबू :- शहद और नींबू भी अधिकतर रोगों के लिए अच्छे माने जाते हैं। एक चम्मच शहद आधा नींबू व एक गिलास पानी ले। पानी को गर्म करके उबाल लें अब उसमें नींबू और शहद मिला लें अब इसे पिए। आप चाय में भी नींबू और शहद मिलाकर पी सकते हैं इसे दिन में एक से दो बार पिए, शहद में एंटीबैक्टीरियल वह माइक्रोबियल का गुण पाया जाता है जो कि बीमारियों से लड़ने में मदद करता है, वही नींबू बुखार से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
  •  पपीते का पत्ता :- चिकनगुनिया के बुखार में सबसे कारगर उपाय पपीते के पत्ते से होता है 7 से 8 पपीते के पत्ते को लेकर साफ पानी से धोकर बीच में से मोटर डंठल को तोड़ ले, अब पत्ते को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर साफ पानी से मिलाकर ग्राइंडर में पीस कर पेस्ट बना लें, अब पेस्ट को छानकर उससे जो रस निकलता है उसे दो से तीन चम्मच हर 3 घंटे में भी है। इसे 2 से 3 दिन तक लगातार प्रयोग में लाएं चिकनगुनिया में प्लेटलेट्स जो कि तेजी से घटता है वह इस उपाय के बाद बड़ी तेजी से कवर होने लगेगा अथवा ठीक होने लगेगा इसीलिए पपीते का पत्ता चिकनगुनिया के बुखार में सबसे ज्यादा उपयोगी माना जाता है।
  •  हल्दी :-  हल्दी भी हर घर में उपलब्ध होती है वह लाभदायक भी होती है। आधा चम्मच हल्दी पाउडर को एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर पीने से चिकनगुनिया से लड़ने में मदद मिलती है, इसे दिन में दो बार पीना चाहिए। हल्दी दूध का प्रयोग अंदरूनी चोट वर जख्मों को भरने में भी किया जाता है, इससे सुंदरता भी बढ़ती है।

चिकनगुनिया से बचाव(prevention of chikungunya fever) :-

जो बचाओ निम्न बताए गए हैं अगर इनका पालन किया जाए तो चिकनगुनिया के बुखार से बचा जा सकता है-

  • चिकनगुनिया और डेंगू के मच्छर साफ पानी में पैदा होते हैं अतः जहां कहीं भी पानी इकट्ठा हो उसे इकट्ठा ना होने दें तथा कूलर का पानी समय-समय पर बदलते रहे अगर आप यह कार्य करने में असमर्थ हैं तो कूलर के पानी में थोड़ा सा मिट्टी का तेल डाल दें। फ्रीज में लगी वोटर ट्रे तथा फूल दानों में भी पानी इकठ्ठा ना होते इसका ध्यान रखें, 
  • भोजन तथा पानी को हमेशा ढक कर रखें, 
  • पूरी बाँह वाले कपड़े पहने तथा फुल पैंट पहने, 
  • मच्छरदानी लगाकर सोए, 
  • मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाए तथा मच्छर भगाने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करें, 
  • तुलसी का पौधा घर के आसपास लगाएं, 
  • घर के अंदर कपूर जलाएं इससे मच्छर भाग जाते हैं, 
  • नीम के तेल का दीपक जलाएं, 
  • कुछ भी खाने से पहले हाथ जरूर धुले।

कुछ और जानकारिया बुखार के बारे में जो की आपके दैनिक जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है

मेरा नाम रूचि सिंह चौहान है ‌‌‌मुझे लिखना बहुत ज्यादा अच्छा लगता है । मैं लिखने के लिए बहुत पागल हूं ।और लिखती ही रहती हूं । क्योकि मुझे लिखने के अलावा कुछ भी अच्छा नहीं लगता है में बिना किसी बोरियत को महसूस करे लिखते रहती हूँ । मैं 10+ साल से लिखने की फिल्ड मे हूं ।‌‌‌आप मुझसे निम्न ई-मेल पर संपर्क कर सकते हैं। vedupchar01@gmail.com
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