Loss of hunger in pregnancy in hindi

Loss of hunger in pregnancy in hindi:गर्भावस्था में भूख ना लगने के कारण, लक्षण और उपाय

गर्भावस्था के दौरान आपके डॉक्टर हों या फिर परिवार के सदस्य। सब आपको एक सुझाव तो जरूर देते होंगे कि इस समय में अपने खान-पान का सबसे अधिक ख्याल रखना चाहिए। लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान अधिकांश महिलाओं का ये भी कहना होता है कि उनको कई बार भूख का एहसास ही नहीं होता है। हो सकता है कि आप भी इस समस्या का सामना कर रही हों। इसके साथ ही एक और कठिनाई ये है कि जब आप इस समस्या के बारे में किसी को बताती होंगी तो जवाब यही आता होगा कि भूख लगे या ना लगे लेकिन आपको तो खाना ही चाहिए। तो चलिए, हम आज इस ब्लॉग में आपको सबसे पहले प्रेग्नेंसी में भूख ना लगने के कारणों और निवारण के भी आसान उपायों(Loss of hunger in pregnancy in hindi) के बारे में बताने जा रहे हैं।

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गर्भावस्था में भूख न लगने के लक्षण(Signs of loss of hunger in pregnancy in hindi)

  • उल्टी होना 
  • चक्कर आना
  • खाने की सुगंध सुंग कर जी घबराना 
  •  कुछ स्वादिष्ट खाने का मन करना और फिर न खाना।

गर्भावस्था में भूख ना लगने के कारण(Causes of loss of hunger in pregnancy in hindi)

ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था मे भूख ना लगने कि बात सामने आती है कारण चाहे जो भी हो पर ये आपके और होने वाले बच्चे के लिये सही नही है।

पहली तिमाही में भुख ना लगने का सबसे पहला कारण है की गर्भावस्था के दौरान हॉमोन का असंतुलन जिसकी वजह से जी मिचलाता रहता है और अपको कुछ खाने का मन नहीं करता। साथ ही बार बार उल्टी होने कि वजह से मुंह का स्वाद खराब हो जाता है जिससे कुछ खाने का मन नहीं करता है ।

गर्भावस्था के दूसरे तिमाही मे आपका पाचन तंत्र धीमा हो जाता है। बच्चे के बढ़ते आकार के कारण आपके पेट पर पड़ने वाले दबाव कि वजह से गर्भावस्था में भूख कम लगती है और कब्ज की शिकायत रहती है। इसके अलावा गर्भावस्था में मानिसक तनाव और दुसरे कई शारीरक और मानिसक परिवर्तन होते रहते हैं जिसके कारण गर्भावस्था मे भूख ना लगने की शिकायत होती है।

गर्भावस्था के आखिरी यानि तीसरे तिमाही में हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है जिससे आपका पाचन धीमा पड जाता है।  इस तिमाही मे आपको आयरन खाने की सलाह भी दी जाती है जिसके कारण आपको कब्ज कि समस्या रहती है और भूख कम लगती है। गर्भावस्था के आखिरी दिनों मे आपके बच्चे का बढ़ा आकार आपके पेट पर दबाव डालता है जिसके कारण आपको भूख कम लगती है और थोडा सा खाना खाने पर पेट भरा महसुस करती हैं।

नीचे दिए गर्भावस्था चार्ट को पढ़िए ,जो आपको प्रेगनेंसी में हैल्थी बनाए रखने में मदद करेगा

गर्भावस्था आहार चार्ट सम्पूर्ण जानकारी

गर्भावस्था के दौरान भूख बढ़ाने के उपाय(Measures to increase appetite during pregnancy)

अब हम आपको कुछ ऐसे आसान उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप को प्रेग्नेंसी के दौरान भूख ना लगने की समस्या(Loss of hunger in pregnancy in hindi) का निवारण हो जाएगा। तो देर किस बात की है। अभी से आजमाए इन उपायों को

  •  नए-नए व्यंजन आजमाएं:अगर आप एक ही प्रकार का भोजन खाकर तंग आ गई हैं तो कुछ नया ट्राई करें, जिससे आपका मन बदल जाये। बस इस बात का ध्यान रखें कि भोजन ऐसा हो, जो आपको और आपके बच्‍चे को ताकत दे। फूड के स्‍वाद और सूरत में बदलाव आने से खाने का मन करता है। 
  •  पोषण से भरपूर नाश्ते खाये: गर्भावस्‍था के दिनों में हेल्‍दी स्‍नैक्‍स खाएं। इनके सेवन से गर्भवती महिला की भूख में वृद्धि होती है और पाचन क्रिया में भी सुधार आता है। चिप्स और तले भुने बाहर के सामान के बजाय फल और मेवे खाये
  •  योग करें: प्रेग्‍नेंसी के दिनों में योगा करने से भूख बढ़ती है। योगा में कई ऐसे आसन होते है जो मुख्‍य रूप से भूख को बढ़ाने के लिए किए जाते है। लेकिन याद रखें, इन सभी आसनों को एक योग्य ट्रेनर की गाइडेंस में ही करें, वरना आपको दिक्‍कत हो सकती है।
  •  अपने डॉक्टर से सलाह लें:प्रेग्‍नेंसी के दिनों में कई महिलाओं को सुबह के दौरान काफी ज्‍यादा कमजोरी लगती है जिसके कारण वह कुछ भी खाने का मन नहीं बनाती है और उनकी भूख खत्‍म होने लगती है। ऐसे में सुबह आने वाली कमजोरी को दूर करने के उपाय करें, डॉक्‍टर से सलाह लें, इसके बाद भूख, खुद-ब-खुद बढ़ जाएगी।
  •  अपनी मनपसंद चीजें खाये: प्रेग्‍नेंसी के दिनों में महिलाओं की मेंटल कंडीशन भी अलग हो जाती है, ऐसे में उन्‍हे जो अच्‍छा लगे वह खाने दें, बस इतना ध्‍यान रहें कि उस फूड के सेवन से उन्‍हे या उस बच्‍चे को किसी प्रकार का नुकसान ना हों। मनपसंद खाना खाने से भूख में बढ़ोत्तरी होती है।  

ध्यान रहे कि प्रेग्नेंसी के इन पलों को आप बोझिल ना बनने दें। हमेशा सकारात्मक रहें और गर्भावस्था के इन पलों का भरपूर आनंद लें क्योंकि बहुत जल्द आपकी जिंदगी में ईश्वर का सबसे बड़ा वरदान शामिल होने वाला है। 

डॉक्टर से कब परामर्श करें(When to consult a doctor)

  • ऊपर बताए गए उपायों का पालन करने के बाद भी यदि गर्भवती महिला को भूख में कमी महसूस होती है, तो यह निर्जलीकरण का संकेत, शिशु में पोषक तत्व कम पहुँचने का संकेत या फिर यह बच्चे की वृद्धि एवम विकास में नकारात्मक प्रभाव का संकेत के रूप में हो सकता है। यह निश्चित रूप से बताता है कि आपको जल्द से जल्द अपने स्त्रीरोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।
  • यदि आप लगातार चक्कर और मतली आने से परेशान हैं और खाना खाने में असमर्थ हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान कम भूख लगना जितना बताया जाता है, वह उससे कहीं ज्यादा आम बात है। यह अनुभव गर्भावस्था के किसी भी समय हो सकता है और आमतौर पर गर्भधारण के चार सप्ताह के भीतर यह ज्यादा होता है। जो खाद्य पदार्थ आपको पहले बहुत ज्यादा पसंद हुआ करते थे शायद अब आप उन्हें न खा पाएं । यह गर्भावस्था के दौरान महिला शरीर के भीतर होने वाले कई हॉर्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है। हर महिला अपनी गर्भावस्था को अलग अलग प्रकार से अनुभव करती है कुछ महिलाओं में किसी लक्षण को ज्यादा पाया जाता है, तो वहीं कुछ महिलाओं में इसे बहुत कम पाया जाता है। इसलिए किसी भी ऐसे लक्षणों के देखे जाने पर परेशान न हों और अपने डॉक्टर से मिलकर बात करें। आप से बेहतर आपके शरीर की जरूरतों को और कोई नहीं समझ सकता है, इसलिए अच्छे से अच्छा आहार खाएं और अपनी व अपने बच्चे की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करें।

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