Head And Neck Cancer in Hindi

Head And Neck Cancer in Hindi:सिर और गर्दन का कैंसर इसके लक्षण, कारण और इलाज

सिर और गर्दन के कैन्सर का विवरण: What is Of Head And Neck Cancer in Hindi

  • विश्व भर में कैन्सर अपने पाँव पसारता जरह है। सिर्फ़ भारत में हर साल सिर और गर्दन के क़रीब चार लाख नए मामले दर्ज होते हैं। कितने सारे तो ऐसे मामले हैं, जिनको दर्ज ही नहीं किया जाता है। इस कैन्सर के प्रकार से बचा जा सकता है, यदि हम इस लेख पर ध्यान दें।
  • जब हम कैन्सर के प्रकारों के मामलों की संख्या की बात करते हैं, तो सिर और गर्दन के कैन्सर के मामले सबसे ज़्यादा होते हैं। एक बड़ी दिलचस्प बात यह है की हम जैसे विकासशील देशों में इसके मामले सबसे ज़्यादा निकल कर आरहे हैं। 
  • सिर्फ़ एशिया में ही अकेले मुँह और गर्दन के कैन्सर के 57.5% मामले होते हैं। और उन मामलों में भी तीस प्रतिशत के साथ भारत, अव्वल नम्बर पर आता है। 
  • ICMR यानी की भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार हर वर्ष, देश में क़रीब चार लाख मामलों का इलाज किया जाता है। सिर और गर्दन का हिस्सा एक कठिन शारीरिक संरचना का होता है।
  • वैसे नए शोध, तकनीकों और दवाओं के साथ इस कैन्सर के इलाज में काफ़ी बदलाव आए हैं, पर बावजूद इसके रोगियों में चेहरा बिगाड़ना, बोलने या निगलने में समस्या होने वाले ख़ौफ़ आज भी क़ायम हैं।
  • समाज इसे अस्वीकार होने का डर भी मरीज़ों में साफ़ देखा जा सकता है। कई अफ़वाएँ भी फैलती हैं जिसकी वजह से इलाज होने में देरी भी लग सकती है।
  • पर क़रीब 12.5 प्रतिशत मामलों में यह प्रारम्भिक चरणों में ही यह आजाते हैं।

सिर और गर्दन के कैन्सर के कारण: Reason Of Head And Neck Cancer in Hindi

  • इस तरीक़े के कैन्सर की अहम वजह जीवनशैली की ख़राब आदतें हैं। अस्सी प्रतिशत मामलों में तम्बाकू सेवन ही इस रोग का कारण है। तम्बाकू में एक अहम कैन्सरकारी तत्व होता है- ‘टार’। जहाँ एक तरफ़ तम्बाकू के धुएँ वाली चीज़ों में क़रीब साठ कैन्सरकारी तत्व होते हैं, वहीं दूसरी तरफ़ बिना धुएँ वाली चीज़ों में महज़ 28 फ़ीसद कैन्सरकारी तत्व होते हैं।
  • जो लोग बहुत काम उम्र में धूम्रपान शुरू कर देते हैं, उनको सिर और गर्दन का कैन्सर होने की आशंका बढ़ जाती है। जब हम कोई ऐसा इंसान जो धूम्रपान  करता है, उसकी तुलना उससे करने लगते हैं हैं जो नहीं करता, तो उसको कैन्सर होने की आशंका क़रीब 5 से शुरू होकर 25 तक हो जाती है।
  • यदि कोई सिगरेट पीट-पीते शराब भी पीता है, तो उसको यह ख़तरा ख़तरा क़रीब 38 फ़ीसदी और बढ़ जाता है। एक तरफ़ तम्बाकू और ऐल्कहॉल जहाँ साथ में लिए जाएँ तो म्यूकोसल इंजरी तो बढ़ हाई जाता है, वहीं दूसरी ओर बाक़ी कैन्सरकारी तत्वों को यह बढ़ावा भी देते हैं। इनसे DNA के मरम्मत की प्रक्रिया भी बाधित होती है।
  • कैन्सर की वजह से, शरीर में प्रतिरोधक क्षमता या इम्यून सिस्टम को कमज़ोर करने वाले प्रदूषक तत्व जन्म लेते हैं।
  • कई बार शरीर में HIV, HPV, और हर्पीज़ जैसे जानलेवा वाइरस भी कैन्सर की वजह बाँटे हैं।
  • अधिक नमक वाले  प्रोसेस्ड चीजें, ग्रिल्ड व भुना हुआ मास अधिक खाना भी कैंसर की वजह बन सकता है। खाने में केरेटेनॉएड्स, फॉलिक एसिड, विटामिन्स और डाइटरी फाइबर की कमी इसके खतरे को बढ़ाती है। अधिक समय समय तक अल्ट्रावॉयलेट किरणों व हानिकारक विकिरणों के संपर्कमें रहना भी हानि पहुंचाता है।
  • आज कैन्सर पूरे विश्व और भारत में अपने पैर पसार रहा है। यदि हम इस बीमारी के प्रकारों की बात करें तो सिर और गर्दन का कैन्सर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
  • इस कैन्सर के प्रकार में जीवनशैली और पर्यावरणीय जोखिम कारक जैसे मदिरापान, तम्बाकू का सेवन, धूम्रपान आदि ज़्यादा बढ़े कारणों में होते हैं।
  • सिर और गर्दन का कैन्सर ज़्यादा देर तक छिपा नहीं रहता क्यूँकि इसके लक्षण तुरंत अपने संकेत शरीर पर देने लगते हैं, बशर्ते आप अपने उन लक्षणों के प्रति जागरूक रहें और अपने चिकित्सक को जल्द से जल्द सम्पर्क करें।

सिर और गर्दन के कैन्सर के लक्षण: Symptoms Of Head And Neck Cancer in Hindi

  • मुँह में छालें आना और काफ़ी वक़्त तक ठीक ना होना।
  • मसूड़ों, जीभ या गाल पर लाल या सफेद धब्बे आना।
  • गर्दन या चेहरे पर सूजन, गांठ आना।
  • लगातार गले में खराश बने रहना।
  • खाना चबाने या निगलने में कठिनाई।
  • मुँह या जीभ का सुन्न होना।
  • बलगम में खून आना।
  • बार-बार नाक बहना।
  • नाक में साइनस संक्रमण का होना।
  • कान का दर्द।
  • सिर या गर्दन पर एक तिल होना, जो आकार या रंग में बदलता है।

सिर और गर्दन के कैन्सर का इलाज:Treatment of head and neck cancer

  • आमतौर पर जब डॉक्टर को पता चलता है की मरीज़ को मुँह और गले का कैन्सर है तो वो इलाज के लिए निम्नलिखित तरीक़ों का दिशा-निर्देश देता है:
  • सर्जरी 
  • कीमोथेरपी 
  • रेडीओथेरपी  
  • वैसे सिर और गर्दन के कैंसर के लिए प्राथमिक इलाज में सर्जरी (जब भी संभव हो) और रेडियोथैरेपी शामिल हैं। 
  • कीमोथैरेपी का इस्तेमाल ‘हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट’ केआधार पर ही किया जा सकता है। इसके साथ, कैंसर की वजह की रोकधाम जैसे तंबाकू और धूम्रपान के सेवन बिल्कुल बंद कर दें।
  • उपचार के लिए रोगी की शारीरिक हालत को भी देखा जाता है जिसके बाद कैंसर की स्टेज को देखा जाता है। शुरुआती स्टेज में केवल सर्जरी या रेडियोथैरेपी (ब्रेकिथैरेपी के द्वारा) से इलाज किया जाता है। पर रोगी अगर एडवांस स्टेज का है तो इलाज के लिए सर्जरी, रेडियोथैरेपी एवं कीमोथैरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए हमेशा कहा जाता है की आप अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।

सिर और गर्दन के कैन्सर के टेस्ट:Test

  • ब्लड टेस्ट 
  • पेशाब का टेस्ट 
  • एचपीवी टेस्ट एंडोस्कोपी (एक डॉक्टर आपके सिर और गर्दन के अंदर एक ट्यूब के साथ दिखता है जो कि आपकी नाक से होकर आपके गले के नीचे तक जाती है)
  • टिशूज का सैंपल (बायोप्सी)
  • सीटी स्कैन और एक्स-रे जैसे इमेजिंग टेस्ट

अगर डॉक्टर आप में सिर और गर्दन के कैन्सर(Head And Neck Cancer in Hindi) के लक्षण देखता है, तो वो यह जांने की कोशिश करेगा की कैन्सर आपके शरीर में कितना बढ़ चुका है या सही शब्दावली में, वो किस ‘स्टेज’ पर है।

डॉक्टर यह भी जाँचेगा की कैन्सर आपके शरीर के बाक़ी अंगों में फैला है की नहीं।

सिर और गर्दन के कैन्सर के बढ़ते हुए जोखिम को कैसे कम करें: Prevention

  • अब तक के सारे अध्ययन और रिपोर्ट ये दर्शाते हैं की ज़्यादातर वो लोग जो तम्बाकू का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें सिर और गर्दन का कैन्सर होने का ख़तरा लगा रहता है।
  • अगर आपको लक्षण की शंका भी हो तो आपको अपने चिकित्सक की परामर्श लेनी चाहिए। यह इसलिए ताकि आप उसे बता सकें और वो अपने जोखिम को कम करने में सक्षम हो सके। इसके बाद एक प्रक्रिया शुरू होती है, जिसमें वो डॉक्टर अपने सीनियर  डाक्टर्ज़ को सूचित करता है। इसके बाद व आपको अलग-अलग डाक्टर्ज़ के पास भेजता है, जाँच करवाने के लिए।

जब तक आपका डॉक्टर अपने सीनियर चिकित्सकों से ये सलाह लेते हैं, आपके सिर और गर्दन के कैन्सर के बारे में, वो आपको कुछ गोलियाँ खाने को दे सकते हैं। वैसे विभिन्न दवाइयों का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें ये कैन्सर को रोकने की मान्यता प्राप्त है।

मुँह से एचपीवी इन्फ़ेक्शन होने से बचने से, एचपीवी से जुड़े सिर और गर्दन के कैंसर का खतरा कम हो सकता है। पर  यह अभी तक पता नहीं चल पाया है कि खाद्य और औषधि द्वारा एचपीवी के टीके से गार्डासिल, गार्डासिल-9 और सर्वाइरिक्स मुँह के एचपीवी संक्रमण को रोकते हैं या नहीं। 

कैंसर के बारे में कुछ और महत्वपूर्ण जानकारिया


मेरा नाम रूचि सिंह चौहान है ‌‌‌मुझे लिखना बहुत ज्यादा अच्छा लगता है । मैं लिखने के लिए बहुत पागल हूं ।और लिखती ही रहती हूं । क्योकि मुझे लिखने के अलावा कुछ भी अच्छा नहीं लगता है में बिना किसी बोरियत को महसूस करे लिखते रहती हूँ । मैं 10+ साल से लिखने की फिल्ड मे हूं ।‌‌‌आप मुझसे निम्न ई-मेल पर संपर्क कर सकते हैं। vedupchar01@gmail.com
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